हिन्दू धर्म में हस्तरेखा शास्त्र को बहुत महत्व दिया जाता है | हथेली की रेखाओं को भविष्य का आइना कहा जाता है, इन रेखाओं की मदद से वर्तमान से लेकर भविष्य, व्यवहार, व्यक्ति के गुण आदि के बारे में कई बाते पता लगाई जा सकती है | कई बार ऐसी स्थिति भी होती है, जब हथेली की रेखाएं जीवन में किसी अशुभ या हानि का इशारा करती है | अब ऐसी स्थिति प्रत्येक व्यक्ति के लिए तनावपूर्ण होती है | हस्तरेखा शास्त्र में बताया गया है कि हम अपने कर्मो और कुछ प्रयासों से इन रेखाओं के हानिकारक प्रभावों को बदल सकते है | आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देने जा रहे है |सँवारे जीवन रेखा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आपकी हथेली में जीवन रेखा में किसी भी प्रकार की समस्या है, जैसे ये टूटी फूटी या कटी हो तो आपको इसे संवारने की जरूरत है, ताकि आप स्वस्थ व आरोग्य रहे | आप इसे सुधारने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करे | आप इसका जाप इचानुसार 11, 21, 51, या 108 बार कर सकते है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसके 45 दिन तक जाप करने से जीवन रेखा सुधर जाती है |
हृदय रेखा
यदि आपकी हृदय रेखा कटी हुयी है या जालीदार है तो यह स्थिति शुभ नहीं मानी जाती है | इसे सुधारने के लिए आपको सुबह शाम प्राणायाम और सुबह के पहर में योगासन करना चाहिए | इससे ह्रदय रेखा सुधरती है और हृदय संबंधी अन्य परेशानियों से भी राहत मिलती है |
रेखाएं स्पष्ट ना हो
कई लोगो की हथेली में रेखाएं स्पष्ट नहीं होती है, कई बार उलझी हुयी भी होती है, ऐसे में इनका अर्थ समझा नहीं जा सकता | ऐसी स्थिति में आपको ऐसी स्थिति में घर में पिरामिड या स्फटिक यन्त्र रखा जाये तो ये शुभ फल प्रदान करता है | इससे रेखाएं स्पष्ट होने लगती है |
विवाह रेखा अस्पष्ट / खंडित हो
यदि विवाह रेखा अस्पष्ट हो या खंडित हो तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को केले के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए | केले के वृक्ष की नित पूजा करने और 11 बार परिक्रमा करने से विवाह रेखा में सुधार होने लगता है |
भाग्य रेखा का स्पष्ट ना होना
भाग्य रेखा का स्पष्ट ना होना बहुत बड़ी समस्या है, ऐसी स्थिति में व्यक्ति को नारायण स्त्रोत और आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करना चाहिए | साथ ही उगते सूर्य को प्रणाम करना चाहिए, इससे भाग्य रेखा प्रबल होती है और सूर्य देव भी प्रसन्न होते है |